शांति का पुजारी भारत सं० राष्ट्र संघ का एक सक्रिय सदस्य रहा हैं इसी आधार पर भारत का संविधान उन सभी विचारों आदशों मूल्यों मानको एवं शब्दावलिया का उल्लेख किया गया हैं | जिनका संगठन मानवाधिकार के U .N . चटिर में हैं |
हमारे संविधान का भाग 3 (अनु० 12 से 35 ) मूल अधिकरों की घोषणा करता हैं और भाग 4 (अनु० 36 से 51 ) राज्य के निति निर्देशक तत्वों का वर्णन करता हैं परन्तु भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के ४६ वर्षों बाद तक जन प्रतिनिधियों एवं इनके सलाहकार प्रसाशनिक अधिकारियों का ध्यान मानव संरक्षण कानून बनाने जैसे आम मुद्दों की तरफ नहीं गया| वर्ष १९९३ में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के प्रयास से मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम पारित किया गया |
Message from CMD
मानव अधिकारों का क्षेत्र जितना व्यापक है उतना ही पुराना इतिहास भी है जो मानव की उत्पत्ति से ही प्रारंभ हुआ है | विश्व में समाज की संरचना के साथ ही समाज समुदाय, समूह तथा राज्य के संचालन के नियम होते थे तथा उनका मुखिया अपने अधीनस्थ प्राणियों के संरक्षण का उत्तरदायी होता रहा है | वह स्वयं को भी इन नियमों के अंतर्गत मानता था |